कोरोना वायरस का प्रभाव और बदलते युग में बदलती मानव जीवनशैली

08/04/2020

कोरोना वायरस का प्रभाव और बदलते युग में बदलती मानव जीवनशैली

~आसिफ नवाज़ 

पिछले कई सप्ताह से विभिन्न प्रकार के वैज्ञानिकों, चिकित्सकों, विशेषज्ञों और विश्लेषकों की #कोरोना_वैश्विक_महामारी से संबंधित अभी तक जो भी लेख एंव विवरण हमें पढ़ने को मिल सका है, उस से यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि इनमें से अधिकांश बुद्धिजीवी इस बात पर सहमत हैं कि आने वाले समय में मानव जीवन वैसा नहीं रहे गा जैसा कि कोरोना वायरस से पहले का युग था। इस वाइरस के कारण मनुष्य के जीवन में जो नया परिवर्तन आने वाला है वो भविष्य में कम से कम 12-18 माह तक तो परस्पर प्रभावशाली बना रहे गा और जिस के बहोत से दूर गामी परीणाम प्रमाणित होंगे। 

सभी बड़े समारोह, भीड़ भाड़ वाले कारोबार, उड्डयन उद्योग, ट्रेन, पर्यटन, मनोरंजन उद्यान (theme park) होटल, रेस्तरां, बार, कैफे, मूवी थिएटर, के साथ साथ सभी व्यवसाय जहां एक ही स्थान पर 20-30 से अधिक लोगों का जमघटा लगता हो , ऐसे स्थानों से अधिकांस लोग बचने का प्रयास करें गे, जिस से राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली को गम्भीर एवं नकारात्मक धक्का लगना तय है। 

भले ही इस महामारी का मुख्य प्रभावित क्षेत्र पश्चिमी देश रहे हों, परंतु पश्चिम के साथ साथ न सिर्फ पूरब ब्लकि पूरा भूमंडल इस के उत्तर प्रभाव (After-Efforts) से नहीं बच सकता। इस अवधि के दौरान पूरी दुनिया में कोई सामूहिक सभा या समारोह होने की संभावना न के बराबर है। अगर कहीं कोई ऐसी सभा या समारोह करनी भी पड़ी तो पहले की तुलना में बहोत ही कम संख्या में होगी। दुनिया भर के सभी खेल और सांस्कृतिक प्रतियोगिताएं या तो स्थगित कर दी जाएं गी, या नहीं तो उनका आयोजन दर्शकों के बिना किया जाए गा।

आसार तो ऐसे लगते हैं कि आने वाले समय में पूरी मानव जाति को बड़ी भयावह प्रस्थितियाँ का सामना करना पड़े गा। सभी को ईस नई वास्तविकता और एक नई जीवन शैली का अभ्यास करते हुए उसका आदि बनना पड़ेगा। उदाहरण के तौर पर ये बात ली जा सकती है कि सामाजिक दूरी (Social Distancing) और मास्क लंबे समय के लिए हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनने जा रहा है। जैसे कि अमेरिका में 9/11 के आतंकवादी हमले के बाद, हम में से हर एक पर एक सम्भावित आतंकवादी के रूप में संदेह किया जाने लगा और उसके पश्चात एयरपोर्ट और दूसरे जनसेवा केंद्रों पर सुरक्षा जांच (Security Check) की एक अलग व्यवस्था विकसित की गई जो अब हमारे जीवन का हिस्सा है और जिस के आज हम आदि हो चुके हैं, वैसे ही अब हम में से हर एक को एक सम्भावित "संक्रमित" (Infected) के रूप में संदेह किया जाएगा (हम में से बहोत से लोगों ने अब ऐसा करना शुरू भी कर दिया है) और और हो सकता है एयरपोर्ट और दूसरे जगहों पर विश्वव्यापी जांच (Universal Check-up) एक समान्य कार्यप्रणाली (common practice) हो जाए।

इस महामारी से उत्पन्न होने वाली सारी नई प्रस्थितियां उस समय तक नहीं बदलें गी जब तक कि हमारे वैज्ञानिकों और चिकित्सक विशेषज्ञों को इस बीमारी के इलाज के संबंध में कोई चमत्कारी दवा हाथ न लग जाए जो #COVID19 के लक्षणों की गंभीरता को पूरी तरह ठीक कर दे। इसीलिए इसके इलाज और उपचार खोजने के लिए दुनिया भर से वैज्ञानिकों की टीम लगातार प्रयास कर रही है। इसलिए, तब तक, जब तक कि ऐसा कोई चमत्कार न हो जाए, हम सभी को एक नए प्रकार की जीवनशैली की आदत डाल लेनी होगी और ये एक ऐसी जीवनशैली होगी जिस में हम स्वयं सपने मन, मस्तिष्क और शरीर का क़ैदी बने रहें गे।

#coronavirus #COVID2019 #lockdownindia #lockdown21days #coronavirusoutbreakindia

Comments

Popular posts from this blog

ईरान का परमाणु भविष्य: कूटनीति या टकराव की ओर?

How India’s Recent Emigration Policies Helped Bangladesh And Pakistan Eat into Our GDP

UN Chief Calls for Two-State Solution and Humanitarian Law at Arab Summit Amid Gaza Crisis Escalation