अगले 10 वर्षों में भारतीय मुस्लिम समुदाय की क्या कार्य योजना होनी चाहिए?
अगले 10 वर्षों में भारतीय मुस्लिम समुदाय की क्या कार्य योजना होनी चाहिए? ~आसिफ़ नवाज़ भारत में धर्म के नाम पर हो रही उस संघर्ष का अब अंत होजाना चाहिए जो इस वक़्त हिन्दुओं और मुसलमानों के बीच चल रही है। यह बात बहोत ही गलत है कि आज हिंदुस्तानी मुसलमान इस्लाम और इंसानियत के लिए काम करने के बजाय अपने क़ौमी स्वार्थों और मांगों के लिए लड़ते रहें हैं। आज के हिंदुस्तान में इस तरह की लड़ाई को जारी रखना मुसलामानों के लिए मात्र गलती ही नहीं बल्कि भयानक गलती और मूर्खता होगी। लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभाओं में मुसलामानों के प्रतिनिधित्व का सवाल उठाना, उसके लिए चुनावी भागदौड़ करना, मुसलामानों को नौकरियां दिलाने के लिए संघर्ष करना और इसी प्रकार के अन्य राष्ट्रीय अधिकारों और मांगों के लिए चीख पुकार करना आज के दौर में व्यर्थ और खुद मुस्लिम समुदाय के लिए बड़ी हानिकारक बात है। व्यर्थ इसलिए कि अब हिंदुस्तान में जिन लोगों के हाथों में सरकार आ चुकी है वह चुनाव और नौकरियों में केवल 'योग्यता' के सिद्धांत को निर्धारित करके मुसलमानों की अलग राजनीतिक पहचान को खत्म कर देने का फैसला कर चुके है...